उत्तरपत्रिका
प्रथम सत्रम्। कक्षा दशमी। २०.०९.१९।
१.
१.१.
१.१.१.
कर्मभूमिः।
१.१.२.
कर्तव्यानि।
१.१.३.
अनेकविधानि।
१.१.४.
अनेकविधानां कर्तव्यानां
पालनस्य महान् भारः।
१.१.५.
भू – इति धातुः। प्रथमः
पुरुषः।
२.
२.१.
दिल्लीतः।
२.२.
मनोहर / रमणीय ?
२.३.
रमणीय / मनोहर ?
२.४.
राष्ट्रपतिः।
२.५.
पथसञ्चलनम्।
२.६.
?
२.७.
दृश्यानि।
२.८.
सुहृत्।
३.
३.१.
३.१.१.
अस्मिन् चित्रे
विक्रयकेन्द्रम् अस्ति।
३.१.२.
विक्रेतारः विविधवस्तूनि
विक्रीणन्ति।
३.१.३.
क्रेतारः आभूषणानि
वस्त्राणि च क्रीणन्ति।
३.१.४.
युवकाः युवत्यः च अत्र तत्र
भ्रमन्ति।
३.१.५.
अस्मिन् चित्रे वृक्षाः न
दृश्यन्ते।
३.२.
३.२.१.
जनाः आवश्यकानि वस्तूनि
क्रेतुम् आपणं गच्छन्ति।
३.२.२.
तत्र आपणेषु फलानि
वस्त्राणि इत्यादीनि आवश्यकवस्तूनि प्राप्यन्ते।
३.२.३.
विक्रेता धनं स्वीकृत्य
ग्राहकाय वस्तूनि विक्रीणाति।
३.२.४.
विक्रेता तुलया वस्तूनि
तोलयित्वा एव वस्तूनि ग्राहकाय ददाति।
३.२.५.
कानिचन आपणानि तु पथमध्ये
एव भवन्ति।
४.
४.१.
सुरेन्द्र।
४.२.
सप्तर्षि।
४.३.
देवालय।
४.४.
उपेन्द्र।
५.
५.१.
विशेषणविशेष्य-कर्मधारय-तत्पुरुषसमासः।
नीलं कमलम् – नीलं च तत् कमलम्। नीला कमल।
५.२.
त्रिनेत्र। इस उदाहरण में
किंचित् परेशानी है। यदि इसे त्रिनेत्रम् ऐसा कहें तो नपुंसक होने के कारण यह
द्विगुः समास होगा। और इसका विग्रह ऐसे होगा – त्रयाणां नेत्राणां समाहारः। यानी
तीन आखों का समूह। परन्तु यदि इसे त्रिनेत्रः ऐसा पुँल्लिङ्ग में कहें, तो यह
बहुव्रीहि होगा। और इसका विग्रह कुछ ऐसे होगा – त्रीणि नेत्राणि यस्य सः। तीन आखें
जिसकी वह। यानी तीन आखों वाले भगवान् शिव।
५.३.
इतरेतरद्वन्द्वसमासः। रामः
च लक्ष्मणः च।
६.
६.१.
शिष्यः – गुरुः।
६.२.
सद्गतिः* – दुष्टबुद्धिः। *
यदि यह शब्द सद्+मति ऐसा लिखा है, तो वहां जश्व के बाद होने वाला अनुनासिक सन्धि
हो कर सन्मतिः ऐसा रूप बनेगा।
६.३.
अधर्मः – धर्मः।
६.४.
सत्पथः – कुमार्गः।
७.
७.१.
कुत्र।
७.२.
काम्।
७.३.
कस्य।
७.४.
कस्य।
८.
८.१.
त्रयः / तिस्रः / त्रीणि।
८.२.
द्वौ / द्वे।
८.३.
चत्वारः / चतस्रः / चत्वारि।
८.४.
षट्।
९.
९.१.
देवी दैत्यं मारयति।
९.२.
मम नाम गोपलः / गोपाला अस्ति।
९.३.
अत्र सर्वम् अकुशलं
तत्रास्तु।
अशुद्धि संशोधन के लिए वचन, लिङ्ग, पुरुष, लकार और विभक्ति की दृष्टि से ही संशोधन करने के लिए कहा गया है। इस बात का ध्यान रखे।
अशुद्धि संशोधन के लिए वचन, लिङ्ग, पुरुष, लकार और विभक्ति की दृष्टि से ही संशोधन करने के लिए कहा गया है। इस बात का ध्यान रखे।
१०.
१०.१.
चौरः।
१०.२.
पुत्रं द्रष्टुम्।
१०.३.
धनहीनः, दरिद्रः, दीनः,
अधनः।
१०.४.
निर्धनः स्वपुत्रस्य
एकस्मिन् विद्यालये प्रवेशं दापयितुं सफलो जातः।
१०.५.
तत्रैव।
११.
११.१.
एतस्मिन् गद्यांशे देऊल
इत्यस्य ग्रामस्य वर्णनम् अस्ति।
११.२.
देऊलाख्ये ग्रामे।
११.३.
पितुर्गृहं प्रति।
११.४.
राजसिंहः।
११.५.
पत्नी, द्वितीया, कलत्रम्,
दारा, अर्धाङ्गिनी, जाया, दयिता, योषणा, विलासिनी, रमणा, रमणी, सहचरी, कान्ता।
११.६.
राजसिंहस्य भार्या मार्गे
एकं व्यघ्रं दृष्टवती।
१२.
१२.१.
आचार्यः।
१२.२.
विद्यार्थी।
१२.३.
पाठशाला।
१२.४.
कृष्णः।
१३.
१३.१.
प्रथमा।
१३.२.
तृतीया।
१४.
१४.१.
१४.१.१.
देव + इन्द्र।
१४.१.२.
कवि + इन्द्र।
१४.१.३.
परम + अर्थ।
१४.१.४.
पितृ + ऋणम्।
१४.२.
१४.२.१.
कृष्णवर्णः।
१४.२.२.
सार्थकम्।
१४.२.३.
अलभ्यः।
१४.२.४.
दुर्लभः।
कक्षा दशमी। उत्तरपत्रिका। २०.०९.१९।
Reviewed by मधुकर शिवशंकर आटोळे
on
सितंबर 20, 2019
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Sir, For 2.2 ,is ganatantra samarohasya correct
जवाब देंहटाएंदर असल मैं बहुत परेशान था। क्यों की व्याकरण के नियम से देखें को पेपर हल करना मुश्किल ही था।
हटाएंमुद्रणदोष हर जगह थे।
बस अंदाजे अंदाजे से काम चलाना पडा।
Sir, is shad amd shat same?
हटाएंshad amd shat ???
हटाएंषट् यह शब्द है। षट् शब्द का अर्थ होता है छः।
हटाएंपरन्तु यदि षट् के सामने मृदु वर्ण आ जाएं तो जश्त्व सन्धि के नियम से षट् का षड् हो जाता है।