क्या आप हम से Online संस्कृत पढ़ना चाहते हैं?

यहाँ हमारे ऑनलाईन संस्कृत कोर्स देखिए - https://madhukar-atole-sns.myinstamojo.com/

अस्मद् शब्द के रूप

अस्मद्

एकवचनम्
द्विवचनम्
बहुवचनम्
प्रथमा
अहम्
आवाम्
वयम्
द्वितीया
माम् / मा
आवाम् / नौ
अस्मान् / नः
तृतीया
मया
आवाभ्याम्
अस्माभिः
चतुर्थी
मह्यम् / मे
आवाभ्याम् / नौ
अस्मभ्यम् / नः
पञ्चमी
मत्
आवाभ्याम्
अस्मत्
षष्ठी
मम / मे
आवयोः / नौ
अस्माकम् / नः
सप्तमी
मयि
आवयोः
अस्मासु


वाक्येषूपयोगः
१.१.    अहं छात्रः अस्मि।
-      मैं छात्र हूँ।
१.२.    वयं छात्रौ स्वः।
-      हम दोनों छात्र हैं।
१.३.    वयं छात्राः स्मः।
-      हम सब छात्र हैं।
२.१.    ईश्वरः मां पश्यति।
-      ईश्वर मुझे देखता है।
२.२.    ईश्वरः आवां पश्यति।
-      ईश्वरः हम दोनों को देखता है।
२.३.    ईश्वरः अस्मान् पश्यति।
-      ईश्वर हम सब को देखता है।
३.१.    मया जलं पीयते।
-      मेरे द्वा पानी पीया जाता है।
३.२.    आवाभ्यां जलं पीयते।
-      हम दोनों के द्वारा पानी पीया जाता है।
३.३.    अस्माभिः जलं पीयते।
-      हम सब के द्वारा पानी पीया जाता है।
४.१.    गणेशः मह्यं पुस्तकं ददाति।
-      गणेश मुझे पुस्तक देता है।
४.२.    गणेशः आवाभ्यां पुस्तकं ददाति।
-      गणेश हम दोनों को पुस्तक देता है।
४.३.    गणेशः अस्मभ्यं पुस्तकं ददाति।
-      गणेश हम सब को पुस्तक देता है।
५.१.    विश्वासः मत् पुस्तकं स्वीकरोति।
-      विश्वास मुझ से पुस्तक लेता है।
५.२.    विश्वासः आवाभ्यां पुस्तकं स्वीकरोति।
-      विश्वास हम दोनों से पुस्तक लेता है।
५.३.    विश्वासः अस्मत् पुस्तकं स्वीकरोति।
-      विश्वास हम सब से पुस्तक लेता है।
६.१.    एतत् मम गृहम् अस्ति।
-      यह मेरा घर है।
६.२.    एतत् आवयोः गृहम् अस्ति।
-      यह हम दोनों का घर है।
६.३.    एतत् अस्माकं गृहम् अस्ति।
-      यह हम सभी का घर है।
७.१.    देवदत्तः मयि विश्वसिति।
-      देवदत्त मुझ पर विश्वास करता है।
७.२.    देवदत्तः आवयोः विश्वसिति।
-      देवदत्त हम दोनों पर विश्वास करता है।
७.३.    देवदत्तः अस्मासु विश्वसिति।
-      देवदत्त हम सभी पर विश्वास करता है।
अस्मद् शब्द के रूप अस्मद् शब्द के रूप Reviewed by मधुकर on मार्च 11, 2020 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.