युष्मद्
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एकवचनम्
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द्विवचनम्
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बहुवचनम्
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प्रथमा
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त्वम्
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युवाम्
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यूयम्
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द्वितीया
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त्वाम्
/ त्वा
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युवाम्
/ वाम्
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युष्मान्
/ वः
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तृतीया
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त्वया
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युवाभ्याम्
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युष्माभिः
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चतुर्थी
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तुभ्यम्
/ ते
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युवाभ्याम्
/ वाम्
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युष्मभ्यम्
/ वः
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पञ्चमी
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त्वत्
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युवाभ्याम्
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युष्मत्
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षष्ठी
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तव
/ ते
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युवयोः
/ वाम्
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युष्माकम्
/ वः
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सप्तमी
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त्वयि
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युवयोः
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युष्मासु
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1. प्रथमा
1.1. त्वं
छात्रः असि।
·
तुम
छात्र हो।
1.2. युवां
छात्रौ स्थः।
·
तुम
दोनों छात्र
हो।
1.3. यूयं
छात्राः स्थ।
·
तुम सब
छात्र हो।
2. द्वितीया
2.1. ईश्वरः
त्वां
पश्यति।
·
ईश्वर तुझे
देखता है।
2.2. ईश्वरः
युवां
पश्यति।
·
ईश्वरः तुम
दोनों को
देखता है।
2.3. ईश्वरः
युष्मान्
पश्यति।
·
ईश्वर तुम
सब को देखता
है।
3. तृतीया
3.1. त्वया
जलं पीयते।
·
तुम्हारे
द्वारा पानी
पीया जाता है।
3.2. युवाभ्यां
जलं पीयते।
·
तुम
दोनों के
द्वारा पानी
पीया जाता है।
3.3. युष्माभिः
जलं पीयते।
·
तुम सब
के द्वारा
पानी पीया
जाता है।
4. चतुर्थी
4.1. गणेशः
तुभ्यं
पुस्तकं
ददाति।
·
गणेश तुझे
पुस्तक देता
है।
4.2. गणेशः
युवाभ्यां
पुस्तकं
ददाति।
·
गणेश तुम
दोनों को
पुस्तक देता
है।
4.3. गणेशः
युष्मभ्यं
पुस्तकं
ददाति।
·
गणेश तुम
सब को पुस्तक
देता है।
5. पञ्चमी
5.1. विश्वासः
त्वत्
पुस्तकं
स्वीकरोति।
·
विश्वास
तुझ से पुस्तक
लेता है।
5.2. विश्वासः
युवाभ्यां
पुस्तकं
स्वीकरोति।
·
विश्वास
तुम दोनों से
पुस्तक लेता
है।
5.3. विश्वासः
युष्मत्
पुस्तकं
स्वीकरोति।
·
विश्वास
तुम सब से
पुस्तक लेता
है।
6. षष्ठी
6.1. एतत्
तव गृहम्
अस्ति।
·
यह तेरा
घर है।
6.2. एतत्
युवयोः गृहम्
अस्ति।
·
यह तुम
दोनों का घर
है।
6.3. एतत्
युष्माकं
गृहम् अस्ति।
·
यह तुम
सभी का घर है।
7. सप्तमी
7.1. देवदत्तः
त्वयि
विश्वसिति।
·
देवदत्त
तुम पर
विश्वास करता
है।
7.2. देवदत्तः
युवयोः
विश्वसिति।
·
देवदत्त
तुम दोनों पर
विश्वास करता
है।
7.3. देवदत्तः
युष्मासु
विश्वसिति।
·
देवदत्त
तुम सभी पर
विश्वास करता
है।
युष्मद् शब्द के रूप
Reviewed by मधुकर
on
मार्च 12, 2020
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